Sunday, November 25, 2012

love tweet

वेसे प्यार के कई मायने होते है .. किसी का प्यार सिर्फ आँखोंसे आँखों के इशारो  तक सिमित रहता है .. तो किसी का प्यार  हातो मै हात तक .. तो किसी का प्यार दिल तक ,, तो किसी का प्यार जिस्म तक होता है.. मुझे इन दिनों कई लोग मिले जिन का मानना था के आज के वक़्त मै सचा प्यार नहीं होता .. मैने पूछा ऐसा क्यों .. तो उन के पास इस का कोई उत्तर नहीं था
मैंने पूछा के .. क्या तुम किसी को सचा प्यार कर सकती हो .. उस ने कहा के अगर कोई मिले तो हा कर सकती हु .. मैंने कहा जब तुम को खुद पर भरोसा नहीं है के तुम १ सचा प्यार पा सकती हो .. तो फिर दुसरो को पर इतनी  सटीकता के साथ कैसे कहे सकती हो के वो सचा प्यार नहीं कर पाए गा ... आज हम कलयुग मै जी रहे है .. और सब कहेते है के कलयुग मै भगवन इस धरती पे नहीं आने वाले .. फिर भी हम सभी सभी रोज़ उन के मंदिर जा ते है .. उन से दुवा मांगते है .. तो क्या हम इसी तरह से सचा प्यार नहीं खोज सकते .. हमें थोडा संभल के चल ना हो गा.. मै अगर सीधे सीधे भाषा मै कहू तो आज हमारी वासना .. हमारे प्यार पर ज्यआदा हावी है
इस लिए वो लोग सचे प्यार से अभी तक महरूम है ..  प्यार का कभी अंत नहीं होता है .. पर लोग वासना को प्यार का अंत कर देते है.. जब के ये तो सिर्फ एक जरिया है अप्पने प्यार को बाट ने का .. अपने प्यार को अभिवक्त करने का .. अपने प्रेमी के साथ .. लेकिन आज इस के मायने कुछ और ही हो गए है .. जिन को मै अपने सब्दो मै भी बया करते हुए शर्म आती है
ये श्यारिया इसलिए बनी ताकि हम अपने प्रेमी को बता सके के हम कितना प्यार करते है.. या यु कहू के हम उन को  Indirectly  अपने प्यार का इजहार करते है
वैसे समय समय पर कए प्यार के जोड़ो ने सचे प्यार का झंडा बुलंद किया है उन से मै से कुछ ये हुए है ..
रोमियो - जूलिएट , क्लियोपैट्रा - मार्क अन्तोंय , पेरिस - हेलेना ,  लायला - मजनूं , सलीम - अनारकली , शाह जहाँ - मुमताज़ महल , 
और ना जाने कितने नाम हो गे.. इस सूचि मै ..
वक़्त वक़्त पे हमारे शयरो ने भी हमारे दिल मै सचे प्यार के लो जलाइये रखी .. कुछ मशहूर शयर हुए जिन ने प्यार पर अपने सारी  कलम लिख डाली उन मै कुछ हुए है :-
मीर ताकी मीर, मिर्ज़ा ग़ालिब , मिर्ज़ा दबीर , साहिर, फैज़ अहमद फैज़ ,
और अब ये काफिला जावेद अख्तर, ग़ालिब सहाब से होते हुए आगे बढ़ता जा रहा है..  
तो फिर आप भी इतजार कीजये या फिर तलाश चालू कीजये अपने सचे प्यार के .. क्योंकी संत कबीर दस जी कहे कर गए .. के
पोती पढ़ पढ़ जग भया.. पंडित भया ना कोई .. ढाई आखर प्रेम का पढ़े सो पंडित होए
इसी आशा के साथ के आप का सचा प्यार आप के साथ जल्द हो इस ब्लॉग को यही अल्पविराम दू गा .. इस वादे के साथ के अगले ब्लॉग मै प्यार के कुछ और पहेलु पर रौशनी दलु गा.. आप कृपा मुझे बतये मेरे ब्लॉग के बारे मै .. ताकि मै अपनी लेखनी मै सुधार ला सकू

आप का -
कैलाश राजपुरोहित